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CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण — पद परिचय (Pad Parichay) पूर्ण मार्गदर्शिका

स्वागत है, विद्यार्थियों! 👋 आज हम सीखेंगे “पद परिचय” — हिंदी व्याकरण का एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय। यह अध्याय न केवल बोर्ड परीक्षा के लिए आवश्यक है बल्कि भाषा की गहराई समझने का आधार भी बनाता है। चलिए इसे आसान और रोचक तरीके से समझते हैं।

Quick Summary (त्वरित सार)

पद परिचय का अर्थ है — किसी वाक्य में प्रयुक्त शब्द के प्रकार, रूप और कार्य को पहचानना।
दूसरे शब्दों में, वाक्य के प्रत्येक शब्द का व्याकरणिक परिचय देना ही “पद परिचय” कहलाता है।
यह हमें यह समझने में मदद करता है कि कोई शब्द संज्ञा है या क्रिया, विशेषण है या सर्वनाम — और वह वाक्य में क्या भूमिका निभा रहा है।

CBSE Class 10 Hindi A व्याकरण — पद परिचय (Pad Parichay) पूर्ण मार्गदर्शिका

Detailed Explanation (विस्तृत व्याख्या)

जब हम किसी वाक्य का विश्लेषण करते हैं, तो हमें यह जानना होता है कि प्रत्येक शब्द क्या दर्शाता है और उसका प्रयोग क्यों हुआ है।
यही विश्लेषण “पद परिचय” कहलाता है। यह मुख्य रूप से तीन भागों में देखा जाता है:

  1. शब्द का प्रकार — जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण आदि।
  2. उसका रूप — जैसे पुल्लिंग/स्त्रीलिंग, एकवचन/बहुवचन, काल, पुरुष आदि।
  3. वाक्य में कार्य — कर्ता, कर्म, विशेषण या विशेष्य के रूप में उसकी भूमिका।

पद परिचय करने के लिए हमें पहले यह तय करना होता है कि वह शब्द किस श्रेणी में आता है और फिर उसका रूपकार्य समझना होता है।

1) पद परिचय का अर्थ

वाक्य के हर शब्द (पद) का व्याकरणिक पहचान-पत्र प्रस्तुत करना “पद परिचय” कहलाता है।
यह प्रक्रिया हमें वाक्य को गहराई से समझने और भाषा में शुद्धता लाने में सहायता करती है।

2) पद परिचय के प्रमुख अंश

  • शब्द का भेद: संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय आदि।
  • रूप: लिंग, वचन, कारक, पुरुष, काल, लकार आदि।
  • वाक्य में कार्य: शब्द वाक्य में क्या काम कर रहा है (कर्त्ता, कर्म, विशेषण इत्यादि)।

3) पदों के भेद (मुख्य शब्द-भेद)

क्रमपद का नाममुख्य कार्यउदाहरण
1संज्ञा (Noun)व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भाव का नामराम, दिल्ली, प्रेम
2सर्वनाम (Pronoun)संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त शब्दवह, तुम, मैं
3विशेषण (Adjective)संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वालासुंदर, बड़ा, लाल
4क्रिया (Verb)कर्म या कार्य को दर्शाने वालाखाना, जाना, पढ़ना
5क्रिया विशेषण (Adverb)क्रिया की विशेषता बताने वालाधीरे, बहुत, कल
6संबंध बोधक (Preposition)दो शब्दों के बीच संबंध दिखाने वालाके ऊपर, के पास
7समुच्चय बोधक (Conjunction)दो वाक्यों या शब्दों को जोड़ने वालाऔर, लेकिन, परंतु
8विस्मयादिबोधक (Interjection)भाव या आश्चर्य प्रकट करने वालावाह!, अरे!, ओह!

Example or Analogy (उदाहरण / उपमा)

उदाहरण 1:

वाक्य: राम स्कूल गया।

  • “राम” — संज्ञा; पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता।
  • “स्कूल” — संज्ञा; नपुंसकलिंग, एकवचन, स्थान सूचक।
  • “गया” — क्रिया; भूतकाल, पुल्लिंग, एकवचन।

उदाहरण 2:

वाक्य: वह धीरे-धीरे बोलती है।

  • “वह” — सर्वनाम; कर्ता।
  • “धीरे-धीरे” — क्रिया विशेषण; क्रिया की विधि बताता है।
  • “बोलती है” — क्रिया; वर्तमान काल, स्त्रीलिंग।

उपमा: जैसे हर व्यक्ति का अपना “पहचान-पत्र” होता है, वैसे ही हर शब्द का भी एक व्याकरणिक “पहचान-पत्र” होता है — यही “पद परिचय” कहलाता है।

Important Facts (मुख्य तथ्य)

  • हर शब्द किसी न किसी शब्द-भेद में आता है — यह पहचानना ही पद परिचय की पहली सीढ़ी है।
  • क्रिया और संज्ञा पहचानने के बाद वाक्य का अर्थ समझना आसान हो जाता है।
  • परीक्षा में “पद परिचय” के प्रश्न अक्सर 2 या 3 अंकों के होते हैं।
  • सटीक उत्तर के लिए तीनों बिंदु लिखें: शब्द-भेद, रूप, कार्य।

Quick Quiz (त्वरित अभ्यास)

  1. वाक्य में पद परिचय दीजिए: “सीता सुंदर गाती है।”
  2. शब्द “बहुत” किस प्रकार का पद है? उसका वाक्य में क्या कार्य है?

Answer Key (संकेत-उत्तर)

  1. सीता — संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता;
    सुंदर — विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन, विशेषण कार्य;
    गाती है — क्रिया, वर्तमान काल, स्त्रीलिंग।
  2. बहुत — क्रिया विशेषण; यह क्रिया की तीव्रता (मात्रा) बताता है।